Language/Standard-arabic/Grammar/First-and-second-conditional/hi
सँविधान[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
इस पाठ में, आप सीखेंगे कि अरबी में पहली और दूसरी शर्त-वाक्यों को कैसे बनाया और उनका उपयोग कैसे किया जाता है।
पहली शर्त-वाक्य[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
पहली शर्त-वाक्य एक सामान्य शर्त वाक्य है, जो कि किसी अवकाश पर सत्य होने वाले एवं किए जाने वाले कार्य की संभावना को बताता है। यदि दिया गया अवकाश सत्य होता है, तो कार्य किया जाता है।
पहली शर्त-वाक्य में "ग़ैर-ताकीद़ी" काफी होता है, लेकिन एककरण (ताकीद़ी) वाक्य भी संभव है जो कि "अगर" को दर्शाते हुए एक कार्य के सम्बंध में होता है। निम्नलिखित टेबल में पहली शर्त-वाक्यों के उदाहरण हैं:
अरबी | उच्चारण | हिंदी |
---|---|---|
إِذَا زَرَعْتُ الْبَذَرَةَ ، سَتَنْمُو | idhaa zar'atu al-badhrah, satanmu | अगर मैं नाबती का बीज बोऊँगा, वो उगेगा |
إذا درست، ستنجح | idhaa darashta, satanjuh | अगर तुम पढ़ाई करोगे, तुम सफल होगे। |
दूसरी शर्त-वाक्य[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
दूसरी शर्त-वाक्य "अगर" के बारे में किसी स्पष्ट समय या स्थिति की संभावना को व्यक्त करता है। यदि उस समय या स्थिति परिभाषित स्थिति होती है, तो कार्य किया जाता है।
यहाँ भी, एककरण तथा एक ताकीद़ी के दो विकल्प होते हैं। नीचे दिए गए टेबल में, दूसरी शर्त-वाक्यों के उदाहरण हैं:
अरबी | उच्चारण | हिंदी |
---|---|---|
لَوْ أَخَّرَ مُؤَتَّبَتِي ، لَكُنْتُ نَجَحْتُ | law akhkhara mu'attabati, lakuntu najahatu | यदि मेरा ग्रुहण (पंजीकरण) देरी से होता, तो मैं सफल होता। |
لو كان أحمد صالحاً، لاتصلح | law kaana ahmadٌ saalihan, lata'suluhu | यदि अहमद सच्चा होता, तब उसे पुनः फिर से माँ बाप द्वारा माना जाता। |
संयुक्त वाक्य[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
संयुक्त वाक्य में, पहली शर्त (या दूसरी शर्त) का प्रयोग एक दूसरे के संबंध में करते हुए एक संयुक्त वाक्य बनाया जाता है। आप निम्न टेबल में इसके उदाहरण देख सकते हैं:
अरबी | उच्चारण | हिंदी |
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إذا كنت أدرس الليلة، سأذهب إلى المكتبة | idhaa kuntu adrusa allailatan, saa'azhabu ila almaiktibah | यदि मैं आज रात पढ़ाई करूंगा, तो मैं लाइब्रेरी जाएँगा। |
إذا سافر نور إلى تركيا، سيشتري سجادة | idhaa saafar nūr 'ilá turkiyyah, sayashtarii sajadah | यदि नूर तुर्की जाता है, तो वह एक कालीन खरीदेगा। |
संधि विच्छेद[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
अरबी वाक्य में अक्सर संधि देखने को मिलता है, जिसका अर्थ होता है भिन्न-भिन्न वाक्यों को एक सामूहिक वाक्य में जोड़ना। पहली और दूसरी शर्त-वाक्य भी इस विधि के अधीन होते हैं। उदाहरण देखने के लिए नीचे टेबल देखें:
अरबी | उच्चारण | हिंदी |
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إذا قرأهُ خالدٌ، لم يفهم | idhaa qara'ahu khaalidun, lam yafhamh | अगर खालिद उसे पढ़ता होता, तो वह उसे समझता नहीं था। |
لو كنت شخصًا غنيًا، لاشتريت قصرًا | law kunt shakhsan ghaniyan, lashtaraytu qasran | यदि मैं धनवान होता, तो मैं एक महल खरीद लेता। |
संबंधित पाठ[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
- Standard Arabic Grammar → हाल - Standard Arabic Grammar → फ़ील - Standard Arabic Grammar → मुख़्तसर मुल्यांकन की बातें