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जापानीसंस्कृति0 से A1 कोर्सजापान का संक्षिप्त इतिहास

संक्षिप्त इतिहास[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

जापान का इतिहास बहुत विस्तृत है, लेकिन आज हम इस अध्याय में जापान के प्रमुख काल, घटनाएं और व्यक्तियों के बारे में जानेंगे, और उनके समकालीन जापान पर प्रभाव को समझेंगे।

जोमोन काल (14,000 ईसा पूर्व - 300 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

जोमोन काल जापान का सबसे पुराना काल है। इस काल में, जापानी मूल निवासी जंगलों में रहते थे और शिकार करते थे। इस काल के नाम का अर्थ है "मिट्टी के नुस्खे"। इस काल में जापान में उन्नत तकनीक नहीं थी, लेकिन इस काल के लोगों ने चीन और कोरिया से रिश्तों की शुरुआत की।

यायोई काल (300 ईसा पूर्व - 710 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

यायोई काल में, जापान में बौद्ध धर्म आया और चीन, कोरिया और विभिन्न एशियाई देशों से व्यापार शुरू हुआ। इस काल में, जापान के तीन संद्यादित्य राज्य शुरू हुए - कान्तो, किंउ और यमातो। यायोई काल ने जापानी संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण रोल निभाया।

नारा काल (710 ईसा पूर्व - 794 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

नारा काल में, जापान ने चीन और कोरिया से लेकर महाराष्ट्र से भी विद्या-व्यापार के रिश्ते बनाए। इस काल में, जापान की राजधानी नारा शहर के रूप में स्थापित हुई थी। नारा काल का समय जापान में कला, साहित्य, और विज्ञान का विकास का समय था।

हीआन काल (794 ईसा पूर्व - 1185 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

हीआन काल में, जापान में महायान बौद्ध धर्म के विकास का समय था। इस काल में, जापान ने चीन से बहुत सारी वस्तुओं को लाया जैसे कि चाय, गैस, और कागज। हीआन काल में, जापान की राजधानी क्योटो शहर के रूप में स्थापित हुई थी।

कमाकुरा काल (1185 ईसा पूर्व - 1333 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

कमाकुरा काल में, जापान में शोगुन सम्राटों का शासन था। इस काल में, जापान में समुराइ शब्द और समुराइ समाज विकसित हुए। कमाकुरा काल में, कामकुरा शहर जापान की राजधानी थी।

मुरामाची काल (1336 ईसा पूर्व - 1573 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

मुरामाची काल में, जापान में अशिकागा शासकों का शासन था। इस काल में, जापान में सामुराइ समाज का विकास हुआ था, जो बाद में उनके शासन के खिलाफ उठे। इस काल में, जापान ने चीन से और विभिन्न एशियाई देशों से विद्या, विज्ञान और कला की वस्तुएं ली थीं। इस काल में, जापान की राजधानी क्योटो शहर बनी रही।

ईदो काल (1600 ईसा पूर्व - 1868 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

ईदो काल में, जापान में तोकुगावा शासकों का शासन था। इस काल में, जापान ने विदेशी वस्तुओं से व्यापार करना शुरू किया था और उनकी संस्कृति और तकनीक से प्रभावित हुए। ईदो काल में, जापान में निर्माण की तकनीक में उन्नति हुई थी।

मेजी काल (1868 ईसा पूर्व - 1912 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

मेजी काल में, जापान में शासक के रूप में मेजी शासक आया था। इस काल में, जापान में विदेशी वस्तुओं से व्यापार और तकनीक के साथ-साथ विदेशी विचार भी आये। मेजी काल में, जापान में इंडस्ट्रियल उन्नति हुई थी।

हेईसेई काल (1912 ईसा पूर्व - 1926 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

हेईसेई काल में, जापान में शासक के रूप में हेईसेई शासक आया था। इस काल में, जापान में समाज और राजनीति में बहुत सारी बदलाव हुए थे। हेईसेई काल में, जापान में आर्थिक उन्नति हुई थी।

शोवा काल (1926 ईसा पूर्व - 1989 ईसा पूर्व)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

शोवा काल में, जापान में शासक के रूप में शोवा शासक आया था। इस काल में, जापान दूसरी विश्व युद्ध से गुजर रहा था, जिससे उनकी अर्थव्यवस्था और समाज पर बहुत असर पड़ा था। शोवा काल में, जापान में अधिक उन्नति हुई थी और वे एक विकसित देश बन गए थे।

हीसे काल (1989 ईसा पूर्व - वर्तमान)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

हीसे काल में, जापान में शासक के रूप में हीसे शासक आया था। इस काल में, जापान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था बन गया है। इस काल में, जापान में तकनीकी उन्नति हुई थी और यह आधुनिक दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

समाप्ति[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]

इस अध्याय में, हमने जापान के प्रमुख काल, घटनाएं और व्यक्तियों के बारे में जाना और उनके समकालीन जापान पर प्रभाव को समझा। यह जापानी भाषा के लिए अच्छा शु

जापानी कोर्स - 0 से A1 तक की विषयसूची[स्रोत सम्पादित करें]


हिरागाना की मूलभूत जानकारी


सलामी और परिचय


भूगोल और इतिहास


विशेषण और क्रिया विशेषण


परिवार और सामाजिक संपर्क


धर्म और दर्शन


जुड़ाव और योजकों


यात्रा और पर्यटन


शिक्षा और विज्ञान


पूर्वसर्ग और आपदाहरण


कला और मीडिया


राजनीति और समाज


अन्य पाठ[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]


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