Language/Tamil/Culture/Chola-Empire/hi
![Armenian](/image/flag/lang/Language_7.gif)
![Bulgarian](/image/flag/lang/Language_22.gif)
![Chinese, Mandarin (simplified)](/image/flag/lang/Language_28.gif)
![Chinese, Mandarin (traditional)](/image/flag/lang/Language_171.gif)
![Croatian](/image/flag/lang/Language_31.gif)
![Czech](/image/flag/lang/Language_32.gif)
![Dutch](/image/flag/lang/Language_34.gif)
![English](/image/flag/lang/Language_36.gif)
![Finnish](/image/flag/lang/Language_41.gif)
![French](/image/flag/lang/Language_42.gif)
![German](/image/flag/lang/Language_47.gif)
![Hebrew](/image/flag/lang/Language_53.gif)
![Hindi](/image/flag/lang/Language_54.gif)
![Hungarian](/image/flag/lang/Language_55.gif)
![Indonesian](/image/flag/lang/Language_57.gif)
![Iranian Persian](/image/flag/lang/Language_95.gif)
![Italian](/image/flag/lang/Language_61.gif)
![Japanese](/image/flag/lang/Language_62.gif)
![Kazakh](/image/flag/lang/Language_66.gif)
![Korean](/image/flag/lang/Language_70.gif)
![Lithuanian](/image/flag/lang/Language_76.gif)
![Modern Greek (1453-)](/image/flag/lang/Language_48.gif)
![North Azerbaijani](/image/flag/lang/Language_11.gif)
![Polish](/image/flag/lang/Language_96.gif)
![Portuguese](/image/flag/lang/Language_97.gif)
![Romanian](/image/flag/lang/Language_102.gif)
![Russian](/image/flag/lang/Language_103.gif)
![Serbian](/image/flag/lang/Language_107.gif)
![Spanish](/image/flag/lang/Language_119.gif)
![Standard Arabic](/image/flag/lang/Language_6.gif)
![Swedish](/image/flag/lang/Language_122.gif)
![Tagalog](/image/flag/lang/Language_123.gif)
![Thai](/image/flag/lang/Language_128.gif)
![Turkish](/image/flag/lang/Language_133.gif)
![Ukrainian](/image/flag/lang/Language_136.gif)
![Urdu](/image/flag/lang/Language_137.gif)
![Vietnamese](/image/flag/lang/Language_139.gif)
अध्याय 1: चोला साम्राज्य[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
चोला साम्राज्य भारत के तमिलनाडु राज्य में विकसित हुआ एक प्रसिद्ध साम्राज्य था। यह साम्राज्य करीब आठवीं से 13वीं शताब्दी तक चला था। इस समय तमिलनाडु एक अलगावचक भूमि थी जिसमें बहुत से राज्य थे जो अपने अपने बोली भाषा और संस्कृति के लिए जाने जाते थे। चोला साम्राज्य ने तमिल भाषा, संस्कृति और इतिहास में अपना योगदान दिया।
इतिहास[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
चोला साम्राज्य की स्थापना 3वीं से 4वीं सदी के बीच हुई थी। चोला राजवंश तमिलनाडु में पांच शताब्दियों तक शासन करता रहा। इस समय चोला साम्राज्य ने तमिलनाडु के साथ-साथ समूचे दक्षिण भारत में भी अपनी शक्ति बढ़ाते हुए दिखाई दी।
चोला साम्राज्य के शासकों में से अधिकतर धर्मनिरपेक्ष थे। चोला साम्राज्य के शासनकाल में वहां पर अधिकतर लोग हिंदू धर्म और जैन धर्म के अनुयायी थे।
संस्कृति[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
चोला साम्राज्य ने तमिल संस्कृति के लिए बहुत से योगदान दिए। उनका शासनकाल तमिल संस्कृति के लिए उत्साहजनक था। चोला साम्राज्य के शासकों ने प्रशंसापत्रों, कविताओं और ग्रंथों को संरक्षित किया था। चोला साम्राज्य के शासनकाल में तमिल काव्य के एक नए शैली का विकास हुआ था जिसे संस्कृत से प्रभावित किया गया था। इस शैली को 'तमिल नाडु स्तापत्य कला शैली' कहा जाता है।
चोला साम्राज्य के शासकों ने दक्षिण भारत में भी अपने अलग-अलग कलाकृतियों का प्रचार किया था। वहां पर चोला कलाकृति के बहुत से उदाहरण मिलते हैं जैसे बृहदीश्वर मंदिर, एयरवट्टु तथा कंचीपुरम मंदिर।
योगदान[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
चोला साम्राज्य ने तमिल भाषा, संस्कृति और इतिहास के लिए अपना योगदान दिया। चोला साम्राज्य के शासकों ने तमिलनाडु के अलावा दक्षिण भारत में भी अपनी अलग-अलग कलाकृतियों का प्रचार किया था। वे दक्षिण भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
चोला साम्राज्य ने भारतीय सभ्यता के विकास में अपना योगदान दिया है। इस साम्राज्य ने भारत की आर्थिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक विकास में अपना योगदान दिया है। इस साम्राज्य ने भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दिया और इसे आगे बढ़ाने में मदद की।
शब्दावली[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
तमिल | उच्चारण | हिंदी |
---|---|---|
चोला साम्राज्य | cholā cāmrājy | चोला साम्राज्य |
संबंधित लेख[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
- तमिलनाडु का इतिहास
- दक्षिण भारत का इतिहास
सारांश[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें]
इस अध्याय में आपने चोला साम्राज्य के बारे में सीखा। आपने इस साम्राज्य के इतिहास, संस्कृति और योगदान के बारे में जाना। आपने यह भी देखा कि चोला साम्राज्य ने तमिल भाषा, संस्कृति और इतिहास के लिए अपना योगदान दिया था। अगले अध्याय में हम तमिल संस्कृति के बारे में विस्तार से बात करेंगे।